चल मन फिर चल
चल मन फिर चल
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चल मन फिर चल
ज़िंदगी की ओर फिर चल
ख़्वाबो से दुनिया नहीं सजती
हर मोड़ पर दुनिया रंग बदलती
बदलती दुनिया से प्यार कर
गिर कर संभलने का दस्तूर पुराना है
उठ कर चलने का दस्तूर पुराना है
हिम्मत बटोर कर फिर चल