Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

sahil srivastava

Drama

2.5  

sahil srivastava

Drama

उठ मेरी जान

उठ मेरी जान

1 min
447


रात के साये में

जुगनू सा निकलना है तुझे

उठ मेरी जान

मेरे साथ हीं चलना है तुझे।


तेरी आँखों मे शोला भी है

सिर्फ़ पानी ही नहीं

तू हक़ीक़त है मेरे रूह की

कहानी ही नहीं।


चराग़ है तू

आँधियों में भी जलना है तुझे

उठ मेरी जान

मेरे साथ ही चलना है तुझे।


क़ीमत तेरी

जौहर ने अभी जानी ही नहीं

तुझ में पारस भी है

ख़ाली कुंदन की पेशानी ही नहीं।


मोम है तू

कतरा कतरा पिघलना है तुझे

उठ मेरी जान

मेरे साथ ही चलना है तुझे।


पूरा बचपन है तू

गुज़री हुई जवानी ही नहीं

तुझ में इक ठहराव भी है

फ़क़त उम्र की रवानी ही नहीं।


तेरे माथे पर लिखी

तक़दीर को बदलना है तुझे

उठ मेरी जान

मेरे साथ ही चलना है तुझे।


ज़िद्दी है मनचला भी है

सयानी ही नहीं

पागल भी है ये दुनिया

बस दीवानी ही नहीं।


हवाएँ जहरीली है

हर ज़हर निगलना है तुझे

उठ मेरी जान

मेरे साथ ही चलना है तुझे।


कर्म भी है ख़ुदा का

वक़्त की मनमानी ही नहीं

जीवन इक तोह्फ़ा है

महज़ हर साँस की क़ुर्बानी ही नहीं।


ज़िन्दगी जंग है

गिर कर भी संभलना है तुझे

उठ मेरी जान

मेरे साथ ही चलना है तुझे।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama