दिल मिल जाये
दिल मिल जाये
जिनसे दिल मिल जाये इक बार,
उनकी याद कभी ना कभी आ ही
जाती है,
नाराजगियां चाहे कितनी भी हो,
मिलने की ख्वाहिश जाग ही जाती है,
सच कहती हूँ इसलिए दुनिया की
आंखों को खटकती हूँ,
पर इसमें कसूर मेरा नहीं,
झूठ बोलना आता ही नही|
अपने हो या पराये, रिश्ता दिल से जोड़ते
हैं हम,
निभाना भी हम को खूब आता है दोस्ती को,
दुश्मनी क्या है जानते नहीं,
रूठ जाते हैं, हम भी कभी-कभी किसी-किसी से,
हैं तो इंसान ही हम भी कोई भगवान तो
नहीं कि हर पल शांत ही रहें और चुपचाप
तमाशा देखते रहें,
अपनी गलतियों को सुधारना भी
खूब आता है हमको,
जो कभी गलती हो जाये,
पर गलती कर के सीख ना ले जो वो नहीं
भाता हमको|