हिंगलिश
हिंगलिश
बहुत ही समझदार पढ़े लिखे बन गएँ है।
आज हम चाचा से अंकल हो गए है।
शब्दों की कीमत आज हमें समझ आई
अपनों में ही जब हम पराये हो गए है।
भाषा न बदली मायने बदले है।
आज की पीढ़ी खुद से ही दूर हुई है।
दादी दादा मा बाबा बदले
अंकल के बाद दादा ग्रैंडपा हुए है।
बहुत ही सभ्य हम हुए है।
हिंदी से नही
रिश्तों की मिठास से हम दूर हुए है।