बुलबुला
बुलबुला
1 min
6.7K
ये बुलबुला पानी का
ख़ुशियों की रवानी का
क्या, आसमाँ में उड़ पायेगा?
जहाँ, अमीरों के चाँद सितारे हैं
ऊँची नज़रें ऊँचे नज़ारे
क्या, उन आँखों को झुका पाऐगा ?
क्या, आसमाँ में उड़ पाऐगा ?
मुझे डर है, कहीं फूट न जाऐं
मज़हबी दंगो में दबकर
फिर भी कहाँ जाऐगा
जात पात के चंगुल से बचकर
क्या, मानव भेद-भाव छोड़ पाऐगा
क्या, आसमाँ में उड़ पाऐगा!