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मेरे बाद

मेरे बाद

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इक दिन मैं सूरज की तरह, पश्चिम में छुप जाऊंगा

और रातों को तुमसे मिलने, तारा बन कर आ जाऊंगा

 

जब याद करोगे दिल से तुम, मैं यादोँ में आ जाऊंगा

और तेरे सूने से इस दिल में, थोड़ी सी जगह पा जाऊँगा

 

जब बारिश का मौसम होगा, बादल के संग आ जाऊँगा

बारिश की बूँदें बन कर मैं, फिर साथ तेरा पा जाऊंगा

 

जब दिल से याद करोगे तो, मैं आसमान में आऊंगा

दिन में आऊंगा बादल सा, रातों में तारा बन जाऊँगा

 

जब याद हमारी आये तो, मैं पलकों में आ जाऊंगा

तेरी आँखों में मैं फिर से, आँसू बन कर आ जाऊंगा

 

चाहे जितनी भी हो मजबूरी, तुमसे मिलने आ जाऊँगा

जीवन की सुनहरी धूप में मैं, परछाई बन जाऊँगा


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