तेरी यादे तू ही ले जा...
तेरी यादे तू ही ले जा...
मै तुझे तब भी प्यार करता था ...और आजही
पर तो मुझसे हमेशा नफरत करती रही !
तेरे प्यार नही सिर्फ मेरा हैं तुझ पर क्यूँ इतना ?
यह मेरा दिवानापन हैं मगर मुझे लगता हैं अच्छा !
तुने हमेशा मुझसे नफरत की फिर भी...
जाने क्यूँ मै तुझसे प्यार करता रहा !
यह कैसा प्यार मेरा एकतर्फा ही सही आखिर..
प्यार तो प्यार होता हैं चाहे क्यूँ ना हो एकतर्फा ?
यह कैसा प्यार हैं मेरा ? क्यूँ इतना बेसुमार यार ...
नफरत के बदल प्यार नही, नफरत जरुरी हैं !
लेकिन आज तक समझ नही यह कैसा प्यार मेरा ?
कभी - कबार ही सही तुम याद जरूर आती हो !
बहुत कोशिश करता हूँ तुझे भूल जाने की ...
तुम उतनीही याद आती हो
क्या करू मै तुही बता ?
तेरी याद हमेशा के लिये मीट जाये ऐसा कोई उपाय हैं क्या ...
तेरे प्यार नही मुझपर तो यही सही ..
तेरी यादे तू ही ले जा !