दरिंदगी की शिकार
दरिंदगी की शिकार
देख कर दरिंदगी इस दुनिया में,
अब आँख भर आती है,
दिल भी रोता है,
और आह तक नहीं आती है,
सोचो उस माँ पर क्या बीती होगी,
जब खून से लथपथ
उसकी बच्ची उसके हाथ पर लेटी होगी,
वो बाप भी कितना रोया होगा,
जिसने कभी उसको प्यार से
अपनी गोद में खिलाया होगा,
उस भाई ने भी कैसे खुद को संभाला होगा,
जो कभी अपनी गुड़िया
जैसी बहन के साथ खेला होगा,
पूरे घर का मंज़र वीरान होगा,
किसी की आँख में आँसू,
तो किसी की आँख में खून होगा,
इन सब में उस नन्ही बच्ची का
बस इतना कसूर रहा होगा
कि खुदा ने उसको एक नारी बनाया होगा...।