दिल की बातें
दिल की बातें
समझदारी इसी में है कि ये देखो कि
तुमारी कलम दिन भर चलती रहे
कुछ अच्छी सच्ची बातें दुनिया में बाँटते रहो,
ये ना सोचो कि तुमारे कितने फॉलोवर्स है
या कितने लाइक्स और कॉमेंट्स है
तुमारे दस बीस हज़ार फॉलोवर्स भी हुए तो क्या,
ये ऑनलाइन की दुनिया है भैया यहाँ लाइक्स औ
र कॉमेंट्स लोग सोच सोच कर करते हैं
फिर क्यों लाइक्स, कॉमेंट्स, फॉलोवर्स
के बारे में सोचना अपने काम से काम रखो।
समझदारी इसी में है कि वक्त के साथ चलो
पर ज़िन्दगी में उतने ही पैर पसारो जितनी चादर हो।
किसी से कर्ज लेकर कर्ज़ में ना डूबो
एक रोटी सूखी खा लो पर पकवानों के चक्कर में
बाकी दिन भूखे ना रहना।
लिखते है रोज ही कुछ नया जो भी दिल मे होता है
पहले करते थे कुछ पोस्ट फेसबुक या गूगल पर
अब तो जमाना बीत गया कुछ वहां लिखे हुए
जो भी लिखते है उसी पल योर कोट पर पोस्ट कर देते हैं।
आज नही है इच्छा कुछ नया लिखने की
आज है मन कुछ उदास
उदास मन भटक रहा उस की तरफ
जिसको हमने खोया था आज के रोज।
तुम तो चले गए बस यादे अपनी छोड़ गए
आंखों में है आँसू आज फिर तेरी कहानी याद आयी
रूठा था तू हमसे और रूठा ही चला गया।