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अनमोल वृक्ष

अनमोल वृक्ष

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हमें मारकर विष पीने को

विवश तुम भी हो जाओगे ।

स्वच्छ हवा हम देते तुमको

हम ही सावन लाते हैं

क्या पता नहीं मानव तुझको

हम काम तेरे कितने आते हैं।

 


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