तुम
तुम
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मन तुम्हारा बहुत सरल है,
जैसे कीचड़ में खिला कमल है,
बिखरा बिखरा झूमिल सा,
मन चंचल थोड़ा सजल है।
मन तुम्हारा बहुत सरल है,
जैसे कीचड़ में खिला कमल है,
बिखरा बिखरा झूमिल सा,
मन चंचल थोड़ा सजल है।