आओ चलो एक कविता लिखते हैं
आओ चलो एक कविता लिखते हैं
दुनिया की भागदौड से निकल कर
चलो एक सैर पर चलते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
न किसी से फरियाद करते हैं ,
न किसी से गिला करते हैं ,
चलो मिलकर थोड़ी खुशियाँ बाँटते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
थोड़ी साफ़ - सफाई करते है ,
थोड़ा काम में हाथ बँटाते है ,
नए-नए पकवान बनाते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
थोड़ा बच्चों संग खेलते हैं ,
थोड़ा बुजुर्गो संग बैठते हैं ,
थोड़ा उन बीते पलों को याद करते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
पौधों से थोडी मुलाकात करते हैं ,
मातृभूमि से थोड़ा जुड़ते हैं ,
ज़रा प्रकृति को धन्यवाद करते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
क्यों न वो पुरानी घड़ी ठीक करते है ,
चलो न ! फोटो एल्बम देखते हैं ,
या कोई पुरानी डी ॰वी॰डी देखते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
आओ थोड़ा डांस करते हैं ,
या फिर कोई गीत गुनगुनाते हैं ,
क्यों न कोई फिल्म ही देखते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
चलो कुछ नया सीखते हैं ,
आओ थोड़ी पढाई करते हैं ,
या फ़िर किसी को पढ़ाते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
चिड़िया उड़ या आँख-मिचोली जैसे खेल खेलते हैं ,
गुड्डे-गुड़ियां का ब्याह रचाते हैं ,
थोड़ा अपने बचपन को जी लेते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
थोड़ा योगाभ्यास करते हैं ,
आओ मिलकर प्रार्थना करते हैं ,
ढोलक बजा भजन-कीर्तन करते है,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
कुछ देर छत पर टहलते है ,
सूरज दादा या चंदा मामा के दर्शन करते हैं,
दादी- नानी की कहानियाँ सुनते हैं ,
आओ चलो एक कविता लिखते हैं ।
वक्त का बहाना देकर जो टालते थे
आज वो पुण्य कार्य करते हैं
कुत्ते को रोटी या चिड़िया को दाना डालते हैं
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
थोड़ा देश के बारे में सोचते हैं,
थोड़ा समाज, थोड़ा अपने लिए सोचते हैं ,
थोड़ा परिवार संग बैठते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
खुद को थोड़ा सुरक्षित रखते है,
सरकार की बातों पर गौर फ़रमाते है,
कोरोना वायरस से स्वयं की रक्षा करते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
क्यों न जीवन रक्षकों को धन्यवाद करते हैं ,
थाली - ताली बजाकर उनका आह्वान करते हैं ,
पुलिस व डाक्टरों को एक सलाम करते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
चलो स्वयं एक मुहीम चलाते हैं ,
लाॅकडाउन में देशवासियों का साथ निभाते हैं ,
कोरोना की जंग में अपना योगदान देते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
इस क्वारंटीन का सही उपयोग करते हैं
यूं ही बोरियत में नहीं गंवाते हैं
चलो अपनी प्रतिभा को निखारते है
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।
जिसे तुम भूल गये हो,
चलो उस भगवान को याद करते हैं ,
थोड़ी गीता या कुरान् पढ़ते हैं ,
आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।