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Mahak Garg

Inspirational

4.8  

Mahak Garg

Inspirational

आओ चलो एक कविता लिखते हैं

आओ चलो एक कविता लिखते हैं

2 mins
508


दुनिया की भागदौड से निकल कर

चलो एक सैर पर चलते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


न किसी से फरियाद करते हैं ,

न किसी से गिला करते हैं ,

चलो मिलकर थोड़ी खुशियाँ बाँटते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


थोड़ी साफ़ - सफाई करते है ,

थोड़ा काम में हाथ बँटाते है ,

नए-नए पकवान बनाते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


थोड़ा बच्चों संग खेलते हैं ,

थोड़ा बुजुर्गो संग बैठते हैं ,

थोड़ा उन बीते पलों को याद करते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


पौधों से थोडी मुलाकात करते हैं ,

मातृभूमि से थोड़ा जुड़ते हैं ,

ज़रा प्रकृति को धन्यवाद करते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


क्यों न वो पुरानी घड़ी ठीक करते है ,

चलो न ! फोटो एल्बम देखते हैं ,

या कोई पुरानी डी ॰वी॰डी देखते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


आओ थोड़ा डांस करते हैं ,

या फिर कोई गीत गुनगुनाते हैं ,

क्यों न कोई फिल्म ही देखते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


चलो कुछ नया सीखते हैं ,

आओ थोड़ी पढाई करते हैं ,

या फ़िर किसी को पढ़ाते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


चिड़िया उड़ या आँख-मिचोली जैसे खेल खेलते हैं ,

गुड्डे-गुड़ियां का ब्याह रचाते हैं ,

थोड़ा अपने बचपन को जी लेते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


थोड़ा योगाभ्यास करते हैं ,

आओ मिलकर प्रार्थना करते हैं ,

ढोलक बजा भजन-कीर्तन करते है,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


कुछ देर छत पर टहलते है ,

सूरज दादा या चंदा मामा के दर्शन करते हैं,

दादी- नानी की कहानियाँ सुनते हैं ,

आओ चलो एक कविता लिखते हैं ।


वक्त का बहाना देकर जो टालते थे

आज वो पुण्य कार्य करते हैं

कुत्ते को रोटी या चिड़िया को दाना डालते हैं

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


थोड़ा देश के बारे में सोचते हैं,

थोड़ा समाज, थोड़ा अपने लिए सोचते हैं ,

थोड़ा परिवार संग बैठते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


खुद को थोड़ा सुरक्षित रखते है,

सरकार की बातों पर गौर फ़रमाते है,

कोरोना वायरस से स्वयं की रक्षा करते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


क्यों न जीवन रक्षकों को धन्यवाद करते हैं ,

थाली - ताली बजाकर उनका आह्वान करते हैं ,

पुलिस व डाक्टरों को एक सलाम करते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


चलो स्वयं एक मुहीम चलाते हैं ,

लाॅकडाउन में देशवासियों का साथ निभाते हैं ,

कोरोना की जंग में अपना योगदान देते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


इस क्वारंटीन का सही उपयोग करते हैं

यूं ही बोरियत में नहीं गंवाते हैं

चलो अपनी प्रतिभा को निखारते है

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


जिसे तुम भूल गये हो,

चलो उस भगवान को याद करते हैं ,

थोड़ी गीता या कुरान् पढ़ते हैं ,

आओ चलो, एक कविता लिखते हैं ।


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