हौंसले बुलंद हैं !
हौंसले बुलंद हैं !
कुछ वक्त की तरह थम से गये हम,
कुछ रेत के जैसे बिखर गए हम,
कुछ बंदिशें हैं अभी ज़िन्दगी में,
कल खुले आसमान में उड़ना है हमें,
अभी तलाश रही हूँ ,
एक खुला आसमान,
ज़िन्दगी के रैनबसेरे में अभी कुछ पल रुक जाऊं,
तलाश है अभी खुद के बसेरे की,
कुछ रंग अभी फीके - से हैं,
किस्मत के पिंजरे में कैद पक्षी हूँ,
अभी तलाश बाकी है,
कहीं धूप है कहीं छाँव आती है,
ज़िन्दगी में कभी गम कभी ढेर सारी खुशियाँ आ जाती है
शायद वक़्त इम्तहान ले रहा मेरा,
तारें कुछ गर्दिश में हैं अभी,
अभी इरादे भी कमज़ोर से लगते हैं,
कभी तो हौंसला मिलेगा,
बस यही दिल की हसरत है
एक दिन ये अंधेरा भी कम होगा,
एक नया सवेरा भी होगा,
अक्सर हराने वाले हार जाते हैं खुद से ही,
और हम अक्सर हार के भी जीत जाते हैं !