Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sonam Kewat

Drama

4.3  

Sonam Kewat

Drama

पक्के से धागे

पक्के से धागे

1 min
216


तो इस पोटली में मैंने कई रिश्ते बांधें है

कुछ कच्चे हैं तो इसमें कुछ पक्के से धागे हैं

मां ने जिंदगी दिया पर वह अब जिंदा नहीं

पिता ने जो सिखाया वो और कहीं सिखा नहीं।


भाई है जो घर की तकरारों में दीवार बना गया

बहन का ससुराल के अलावा यहां रह क्या गया

बीवी की तो हर बात मुझे बहुत ही भाती हैं

पर हमारी संतान नहीं ये चिंता उसे सताती है।


बीवी की चिंता ने उसे आखिर चिता बना डाला,

और घरवालों ने भी मेरे हर रिश्तो को जला डाला

अनमोल रिश्तो में से एक दोस्त भी है मेरे पास

हर मुसीबत में काम आने वाला दोस्त है मेरा खास।


उम्र के साथ सभी रिश्तो ने अपना दम तोड़ दिया

दोस्त के घरवालों ने उसे वृद्धाश्रम में पनाह दिया

मैं और मेरा दोस्त इसी समंदर के किनारे आते हैं

अपने अपने रिश्तो की पोटली खोल हाल सुनाते हैं।


दो रोज हो चुके हैं अभी तक वह आया नहीं

हाल कैसा है आखिर उसने मुझे सुनाया नहीं

आश्रम से पता चला कि उसका भी देहांत हुआ

और इसी के साथ मेरे हर रिश्तों का अंत हुआ।


मैंने रिश्तो की पोटली समंदर में बहा डाला

कंधों पर से सभी रिश्तो का बोझ मिटा डाला।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama