दोस्त
दोस्त
मैं मुस्कराता बहुत हूँ, मगर
सूखा डाला है मुस्कराहट को तेरी सुनी आँखो ने
मैं उड़ता आसमाँ में, मगर
तेरे बँधे पंख उड़ने से रोक देते है
मैं झूमना चाहता हूँ, मगर
तेरी बेबसी की लड़खड़ाहट याद आती है
लोग कहते हैं खुश हो, मगर
तेरे दिल का दर्द मुझे भी रुलाता है
ऊँचाइयों की तमन्ना दिल में है तो, मगर
अपने साथियों को भूलूं कैसे