मोहब्बत क्या है
मोहब्बत क्या है
यूँ आँखों से पाने की चाहत क्या है,
हम भी देखेंगे मोहब्बत क्या है।
बन जाते हैं खोकर जिन्हें पागल, दीवाना,
उन्हें पा लेने की जरूरत क्या है।
हम भी देखेंगे मोहब्बत क्या है।
तोड़ के रस्मों -रिवाज जमाने की,
दिल में किसी के चुपके से,
बस जाने की शराफत क्या है।
हम भी देखेंगे मोहब्बत क्या है।
पलकें झुका कर पलकों से,
उन्हें छू लेने की इजाज़त क्या है।
हम भी देखेंगे मोहब्बत क्या है।
महबूब के दामन को चाँद- तारों से,
सजाने की लगावट क्या है।
हम भी देखेंगे मोहब्बत क्या है।
कर के खिलाफत खुदा से,
झेल कर दर्द रुसवाइयों की,
दूर गगन के पार,
आशिया बसाने की हकीकत क्या है।
हम भी देखेंगे मोहब्बत क्या है।
मिल न सके अपने महबूब से तो,
उनकी यादों में मिट जाने की चाहत क्या है,
हम भी देखेंगे मोहब्बत क्या है ?