न मैने ख्वाब देखा हैं न मैने..
न मैने ख्वाब देखा हैं न मैने..
न मैने ख्वाब देखा हैं न मैने दिल लगाया है
हक़ीक़त जान कर मैंने मुहब्बत को भगाया है
बड़ी बेकार है इसकी पकड़ तुम हाथ ना आना
बड़ी बेख़ौफ़ हो इसने निगाहों को ठगाया है
करो कोशिश रहें बचके न इसके साथ जा पाएं
बड़ी शिद्दत भरी आवाज़ में ये गीत गाया है
न जानें याद क्यों ऐसे रुलाएं जान ना पाया
बिना बारिश नहाएं जो निगाहों ने भिगाया है
अचानक सामने गुज़रा न जाने कौन साया था
मगर जाते हुए दिल में मुहब्बत को जगाया है...!
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शशिकांत शांडिले (एकांत), नागपुर
मो.९९७५९९५४५०