विचारों की धारा
विचारों की धारा
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"आप नादान हो तो कटने के लिए
तैयार हो जाओ"
"आप बेमिसाल हो तो
उड़ने के लिए तैयार हो जाओ"
"आप कमाल हो तो लाखों लोगों के दिल में राज करने के लिए तैयार हो जाओ"
"आप ख्वाहिश रखते हो तो
मिलने के लिए तैयार हो जाओ"
"आप कुछ ज्यादा ही उम्मीद रखते हो तो गिरने के लिए तैयार हो जाओ"
"आप भटकते हो तो
उलझनें के लिए तैयार हो जाओ"
"आप खुशी देखना चाहते हो तो
दुःख के जंजाल से बाहर
निकलने के लिए तैयार हो जाओ"