जुनून
जुनून
हर दिन की नई सुबह
कुछ बात कहती है
हवाओं में नमी सी और सर्द मौसम
फ़िज़ा मुस्कुराती है।
दिन चढ़ने लगता है
नमी ढलने लगती है
दिल में एक हौसला भरती है
चुनौतियों को सामना करना सिखाती है।
बचपन की कहानी
दादी-अम्मा की प्यारी ज़ुबानी
दिलों दिमाग में उतरती घर कर जाती
अनहोनी सी लगती फिर भी लगे सच्ची काहानी।
कभी कहानी में जीते
कभी कहानी हम में
एक अदृश्य छाप छोड़ जाए
असीम साहस जुट जाये खुद में।
काहानीयों से बनते सपने
सपनों को जीने की चाह
चाह से उठती कुछ कर गुजरने का जुनून
और एक जुनून कर दे नामुमकिन को मुमकिन।
कोई कहे पागल या कहे कठिन
दुनिया से कोई परबा नही
जब खुद पे आजाये यक़ीन।
एक छोटी सी पतंग हूँ
दिशाहीन हवाओं की परवाह नहीं
मौत आये तो आये
मंज़िल पाए बिना कोई आराम नहीं।