लौट आया है बचपन मेरा
लौट आया है बचपन मेरा
काश हम समझ पाते कि
किसके दिल में क्या है,
चेहरे पर चेहरा लगाए घूमते हैं लोग
पल पल रूप अपना बदलते हैं लोग।
रिश्ते क्या दोस्त क्या अपना प्यार भी
रोज बदलते हैं लोग।
तू नहीं तो और सही और सही
जाने कैसे-कैसे खेल खेलते हैं लोग,
देखने से लगता है कुछ और नजर कुछ
और आता है...
एक हम हैं जो तेरा इंतज़ार करते रहे,
लौट आया है मेरा बचपन फिर से,
दोस्ती मेरी हुई है जबसे तुझसे
बचपन के थे हम साथी पुराने,
बिछड़ गए थे एक दूजे से।
तू क्या लौटा जीवन में मेरे
खुशियाँ ही खुशियाँ मिल गयी मुझको।
बिन तेरे है कैसे कटी ये जिंदगी
तू क्या जाने तू क्या जाने,
अब ना कभी तू हमसे जुदा होना
अब ना कभी तू हमको रुलाना,
लौट आया है मेरा बचपन फिर से।