शब्दों से उपचार
शब्दों से उपचार
मैंने सीखा ये शब्द चिकित्सा तुमसे ही तो
तुम प्रेम करते गए
मैं पारंगत होती गयी
भिन्न भिन्न शब्दों के प्रयोगों में
शब्दों द्वारा चिकित्सा करते हुए
कभी भावों की मरहम पट्टी
कभी तुम्हारे दुःख की
कभी तुम्हारे तनाव की
प्रेम ने तुम्हारे सीखा दिया
थामना सारे शल्य शस्त्रों को
कभी दूरियों को सीते हुए
इबादत के धागों से
मैं दूंगी जीवन पर्यंत ये सुख तुम्हें
तुम्हारे कानों को तुम्हारी आँखों को
और आत्मा के भीतर तमाम पद्धतियों
से गुज़रते हुए
मुझे मालूम है तमाम चिकित्साएं व्यर्थ हैं
तुम्हारे लिए
सूर्य रश्मि, जल, मृदा, होमियोपैथी
यूनानी, चीनी, सूचीदाब, मुद्रा या आयुर्वेद
तमाम चिकित्साओं का निचोड़
इन शब्दों में है प्रिये
बस खुले रखना आत्मा के द्वार
मैं रोज करूँगी शब्दों से उपचार।