शोर ए दिल
शोर ए दिल
क्या पता था, मोज़जा हो जायेगा ।
एक रहजन, देवता हो जाएगा ।।
बात उसको भी समझ आ जायेगी ।
हल पुराना, मस'अला हो जायेगा ।।
उससे है उम्मीद, कि वो बिन सुने ।
हद से कुछ ज्यादा, खफ़ा हो जायेगा ।।
उसके बारे, कोई कुछ कहता नहीं ।
कौन जाने, कब वो क्या, हो जायेगा ।।
आप उस से, फासला रख करें ।
पास जाना ही ख़ता हो जायेगा ।।
देख के उसको, यकीं आता नहीं ।
ऐसा चेहरा बेवफा हो जायेगा ।।
वो 'शशि' के साथ, ग़र कुछ दिन रहे ।
उसका लहजा दूसरा हो जायेग ।।