तुम भी आज़ाद हो
तुम भी आज़ाद हो
1 min
1.3K
ज़िस्म पर हक महज़ तुम्हारा है
रंग अपना सभी को प्यारा है
लिंग का धर्म कौन है बोलो
ख्वाब मे किसका अब इशारा है
ज़ेह्न मे जोश जब उभरता है
फिर तेरा दिल किसे पुकारा है
रस्म कैसी है सब तुम्हारे लिये
कब नज़र तेरा बेसहारा है
खोल दो बंद करो मन जो कहे
कह दो दिल तेरा भी आवारा है
ज़ख्म सहना खामोश फिर रहना
है गलत जबतक तू दिलका मारा है
नोच लो जिस्म जिसका तुम चाहो
बोल दो वक्त अब हमारा है
छोड़ दो पाप पुण्य धर्म समाज
कह दो आज़ादी तुमको प्यारा है