मेरी कविता
मेरी कविता
वो कविता जब मैंने लिखी
पहली बार
कुछ टूटे फूटे से शब्द
कुछ अतुकांत लाइनें
हाँ इन्ही से तो
सजाई थी अपनी
पहली कविता
कविताएँ पढ़ती थी
निराला की जो लिखते थे
मार्मिक और कटाक्ष दोनो ही
इस समाज के लिए
मन में थी इच्छा
लिख सकूँ उन जैसा
और आज भी लगी हूँ
इसी कोशिश में।