इस पाप की डगर पे
इस पाप की डगर पे
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इस पाप की डगर पर नेता दिखाओ चल के,
ये देश है तुम्हारा खा जाओ इसको तल के!
अच्छाइयों को रखना सदा यूँही सिराहने,
दिखे जहाँ पे पैसे आ जाना उनको खाने!
बदहज़मी हो न जाये खाओ पैसा संभल के!
जनता को हाथ दिखाना, न देना तुम सहारा,
जनता को घिसते रहना वो है ही सर्वहारा!
जनता को लूटना है योजना बदल-बदल के!
महंगाई बढती रहती, मरता किसान देखो,
जो आवाज़ उठाये बस जेल के अंदर फेंको!
जीता है पानी की जगह इंसां थूंक को निगल के!