अपनी राम कहानी
अपनी राम कहानी
सबकी अपनी राम कहानी
अपना दरिया अपना पानी,
कोई डूबा गहरे में तो
कोई पास किनारे डूबा ,
जीवन इस मंझधार में
कैसी नैया कौन खेवैया,
डूबते मांझी की ही जुबानी
बता दे नैया तेरी कहानी,
सबकी अपनी राम कहानी!
किसी ने शिव को पत्थर माना
किसी ने पत्थर में शिव देखा,
किसी ने खोजा कैलाश में उसको
किसी ने 'भोले मन' मे पाया,
है क्या उसकी कोई निशानी
बता दे खोजी अपनी कहानी,
सबकी अपनी राम कहानी!
कोई भूख प्यास से मरता
कोई प्यार में सूली चढ़ता,
सैनिक मरता है सीमा पर
देश की खातिर लड़ता लड़ता,
मरने वाले क्या तेरी कहानी
कौन सुनेगा किसे सुनानी,
सबकी अपनी राम कहानी!
कुछ मौसम पतझड़ में बीते
कुछ मौसम ले आई बहारें,
जीवन बस इस आस में बीता
सुख दुख की धूप छांव में बीता,
ऐसे खत्म हुई ये कहानी
बता दे जीवन अपनी कहानी ,
सबकी अपनी राम कहानी!
सबकी अपनी राम कहानी,
अपना जीवन अपनी रवानी!