हम गजल है सुनाने लगे
हम गजल है सुनाने लगे
हाल दिल का बताने लगे
हम ग़ज़ल है सुनाने लगे !
सच बताने को मैंने कहा
आप नजरें चुराने लगे !
चार पैसे हुए जब जरा
लोग बातें बनाने लगे !
बेवफाई का यारों यहां
वो हुनर आज़माने लगे !
दूर इंसान थे जो हुए
आज नज़दीक आने लगे !
जब मुसाफ़िर हुई तीरगी
दिल के दीपक जलाने लगे !