भाग्य के कर्म
भाग्य के कर्म
हम संकट में हम विपदा में इसका हमे है ज्ञान।
यदि सहायक बनना है तो ज़रा बता दो निदान।
भाग्य भरोसे हम हों आश्रित नहीं चाहिए राय।
नीयति से उम्मीद कुछ नहीं हमें चाहिए न्याय।
कर्म ही सारी विपदाओं का एकमात्र उपाय।
भाग्य भरोसे हासिल होता दुख, पीड़ा व हाय।
यदि नहीं उपाय तुझे तो हमें यही बस ज्ञात।
कर्मवान पुरुषों से हारे अति भीषण संताप।