नशा
नशा
मोहब्बत के ख्वाब ने ये कैसा इत्तेफ़ाक कर दिया,
दिल्लगी ने धड़कन को ही दिल के खिलाफ कर दिया।
अच्छी खासी तो चल रही थी ज़िन्दगी "राही" अपनी,
फिर क्या हुआ जो इस नशे ने तुम्हें ख़ाक कर दिया।
मोहब्बत के ख्वाब ने ये कैसा इत्तेफ़ाक कर दिया,
दिल्लगी ने धड़कन को ही दिल के खिलाफ कर दिया।
अच्छी खासी तो चल रही थी ज़िन्दगी "राही" अपनी,
फिर क्या हुआ जो इस नशे ने तुम्हें ख़ाक कर दिया।