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Anushree Goswami

Drama Inspirational

5.0  

Anushree Goswami

Drama Inspirational

जाग रहे हो ना

जाग रहे हो ना

1 min
6.9K


जाग रहे हो ना,

कि सोए हो,

मंज़िल और राह एक ही है,

न जाने तुम किस चाह में खोए हो !


बैठे बैठे जग की तकलीफें निहार रहे,

अपनी खुशियों की पोटली को,

किस नदी में भिगोए हो !


जाग रहे हो ना,

कि सोए हो !


तुम्हें लोगों से आस है,

मंज़िल की तलाश है,

भीगना तो है पर,

बारिश की प्यास है !


कितने ऐसे ख्वाबों की,

चादर पिरोए हो,

जाग रहे हो ना,

कि सोए हो !


जाने किसका इंतज़ार है,

किस अजनबी की तलाश है,

खुद से प्यार करने की,

कितनी दूरी तय किए हो !


जाग रहे हो ना,

कि सोए हो !


गर दिल की सुन लो,

मन हताश है,

गर मन जीता,

दिल उदास है !


कभी खाली बैठे,

दोनों से मशवरा किए हो !


जाग रहे हो ना,

कि सोए हो !


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