नींद तो एक बहाना है
नींद तो एक बहाना है
करवट बदलते बदलते रात गुज़र जाती है
आँख बंद कर सोना तो एक बहाना है
ख़्वाब तुम्हारे हम देखना चाहते है
मेरे ख़्वाब तुम से शुरु होकर तुम पर
खत्म हो जाये दिल की ये ही चाहत है
तुम हम, हम तुम रोज़ ख़्वाबों की दुनिया
मिलकर सजाते है
प्यारा सा अपना एक घरोंदा बसाते है
उस आंगन में ख़ुशियों से हर पल बिताते हैं
ना ही कोई ज़माने के डर ना ही कोई
अपनों की रोक टोक
ख़्वाब भी कितने हसीन होते है जो जीने की
प्रेरणा दे जाते है
उम्मीद सी दिल में नई उमंगे जगा जाते है
ख़्वाबों की ख़ातिर ही बिस्तर पर
नींद का बहाना करते है
वरना सच कहें तो नींद हमसे कोसों दूर है