माँ
माँ
माँ के ख़्वाहिशों के कत्ल से बेटे के चेहरे के मुस्कान बनती है!
माँ के सर की बोझ से बेटे की जिंदगी आसान लगती है!
उसे रहना नसीब न हो जिंदगी के अंतिम पड़ाव में भले ही
मगर माँ के तिनका तिनका से ही बेटे का मकान बनता है!
देख बेटे की मुस्कान कर लेती हैं अश्को से समझौता!
अश्क भी ठहर जाते हैं, देखकर माँ की उत्सुकता!
अपने गमो को किसी से जाहिर करे भी वो कैसे!
एक वही तो है उसकी खुशियो की वजह एकलौता!
देख बेटे का उलझा हुआ चेहरा माँ जबाब बन जाती है!
नींद आती नही जो कभी, तो माँ ख्वाब बन जाती है !
दुनिया की सबसे बड़ी दौलत मोहब्बत से नवाजकर
माँ साक्षात ममता की मूरत की किताब बन जाती है!
हो तेज़ धूप या हो पैरो में छाले हर मुश्किल में खड़ी रहती है
हो तेज़ बारिस, या हो कड़क ठंड हर पल माँ बनी रहती है!
हो जिंदगी का इम्तिहान, या हो बदलता मौसम-ए-मिजाज
सितम सारे सहकर माँ, हर स्थिति में हर पल डटी रहती है!