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पहला प्यार

पहला प्यार

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प्यार में दोनों हुए

एक दूजे से जुदा,

जिंदगी ने दी उन्हे

इश्क की ऐसी सजा।


मान लेना बात को

घर किसे जाना कहाँ ?

है विरोधी ये समा

टूटने का है मजा।


अश्क ऐसे जो बहें

रात सारी जागना,

ना मिलेगा तेरे-सा

एक ये ही इल्तजा।


आज छोडूँगी तुम्हे

कल से कोई बात ना,

है मुहब्बत आधी-सी

ना मुकम्मल हो रज़ा।


सुन सदा-ए-बे-सदा

रात है पहली यहाँ,

समझ लोगे दास्ताँ

मन है साफ और लहजा।


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