विडम्बना
विडम्बना
आज
चलती हुई
बस की
खिड़की से
बाहर देखते हुए,
फूलों से लदी
एक कार को
गुज़रते देखा
पीछे लगे हुए
'जस्ट मैरिड'
के ऊपर से टूट कर,
फूलों का एक हार
घिसटता जा रहा था
किसी की ख़ुशी में
शरीक़ होने के लिए
कोई ख़ुद को ही
मिटाए दे रहा था !
आज
चलती हुई
बस की
खिड़की से
बाहर देखते हुए,
फूलों से लदी
एक कार को
गुज़रते देखा
पीछे लगे हुए
'जस्ट मैरिड'
के ऊपर से टूट कर,
फूलों का एक हार
घिसटता जा रहा था
किसी की ख़ुशी में
शरीक़ होने के लिए
कोई ख़ुद को ही
मिटाए दे रहा था !