अनोखा जानवर इंसान
अनोखा जानवर इंसान
हमारा शरीर,
च चमड़ा,
मा मांस,
र रक्त,
से बना है !
जानवरों का भी शरीर,
इसी से बना है,
वे सुबह अपने परिवार,
का पेट भरने के लिए,
अपने आशियाने से,
निकलते हैं !
हम भी देश-विदेश,
निकलते हैं,
हमारी ही तरह,
वे भी बच्चे पैदा करते हैं !
हम घर बनाते हैं,
अपनी फैमली,
परिवार के लिए,
वे भी बनाते हैं !
आखिर हम में,
और जानवरो में,
फिर फर्क ही क्या रहा !
इंसान भी,
सिर्फ जानवर,
तक सीमित रह जायेगा !
धरती पर सबसे,
अनोखा जानवर,
इंसान है,
जिसके अन्दर विवेक है !
सोचने-समझने,
की शक्ति,
सही क्या,
गलत क्या !
फिर भी हम,
एक जानवर से भी,
गन्दा व्यवहार,
करते हैं !
मेरे दोस्तों,
ये देश,
अच्छे संस्कार,
से बदलेगा !
अच्छे नेता से नहीं,
इंसान मतलब,
भगवान हो तुम !
अपनी अहमियत,
समझो,
जागो, जानो,
मानो मत,
पहले जानो !
क्योंकि मानना ही,
गलत है,
अपने संस्कार में,
बदलाव लाओ !
सब अपनेआप,
बदल जायेगा,
देखो मत,
लोग कैसे हैं !
आप क्या हो,
ये मायने रखता है,
हम बदलेंगे,
जग बदलेगा !