मेरे ख़त का इंतज़ार तो करोगी ना
मेरे ख़त का इंतज़ार तो करोगी ना
किसी पुराने ख़त को बार-बार तो पढ़ोगी ना,
उस ख़त की बातों में मेरा प्यार तो ढूँढोगी ना,
सबसे छुपाके, उसे हर वक़्त अपने पास रखोगी ना,
मेरे अगले ख़त का तुम इंतज़ार तो करोगी ना।
रात को आसमान के तारों मे मेरा चेहरा ढूँढोगी ना,
याद आने पर इस ख़त को एक बार तो चूमोगी ना,
फिर शर्मा कर सिमट के सो जाओगी, लेकिन मेरा सपना तो बुनोगी ना,
मेरे अगले ख़त का तुम इंतज़ार तो करोगी ना।
माना की हम दूर हैं, और ये समय बहुत बेरहम है,
इस ख़त से ज़्यादा मोहब्बत मत करना, ये बस मेरे होने का वहम है,
कहीं ये दूरियाँ अच्छी तो नहीं लगती तुम्हें, दिल में बेचैनी तो होती है ना,
मेरे अगले ख़त के बहाने ही सही, तुम मेरा इंतज़ार तो करोगी ना।