प्यार की गवाही...
प्यार की गवाही...
तुम हो मेरी
मैं हूं तुम्हारा
इस जीवन में
तुम्हारा ही सहारा...
मेरी कविता हो तुम
मैं सिर्फ तुम्हारा कवि
जहां देखूं वहां दिखती
सिर्फ तुम्हारी ही छवि...
मैं कोरा कागज
तुम मेरी स्याही
आज मैं देता हूं
प्यार की गवाही...
घनघोर अंधेरे में
तुम धूप सुनहरी
मैं उदास तालाब
तुम नदी जल भरी...
तुम मेरी धड़कन
मैं हूं बेचैन दिल
जब से तुम आयी
जिंदगी झिल-मिल...।।