महात्मा गाँधी
महात्मा गाँधी
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संयम की इक शीतल धार गाँधी था
बापू जिसे कहता संसार, गाँधी था
अपना कर्म ही सच्चा धर्म है दुनिया वालो
पहले तोलो, फिर बोलो, यूँ ही ना कह डालो
दिल में जिसके थे ऐसे विचार, गाँधी था
ज़ुल्म का बदला ज़ुल्म नही जिसने था समझाया
दुनिया को सत्य अौर अहिंसा का पाठ पढ़ाया
हिंसा से दूर अहिंसावादी इक किरदार गाँधी था
बुरा ना देखो, बुरा सुनो ना, बोलो ना बोल कबोल
खुद के भीतर झांक के देखो मन की खिड़की खोल
इन्सां नही, कोई अवतार गाँधी था
देश प्रेम ही सच्ची पूजा यही सच्चा प्यार
अपनी प्नत्येक साँस पर है देश का अधिकार
जिसने कहा था ये बार बार, गाँधी था l