उड़ान सपनों की
उड़ान सपनों की
उड़ान है यह सपनों की,
मुझे उड़ने दो।
पंख पसार लिए हैं मैंने,
अब ना कहो मुड़ने को।
सपने ?
सपने तो बहुत हैं इस दिल में,
हर सपना दिल के करीब है।
कोशिश करते जाएंगे,
आगे अपना नसीब है।
जाना है आसमान तलक,
अब ये मन मे ठाना है।
मिटी झिझक, मिला हौसला,
अब तो उड़ते जाना है।
मर्यादा की बेड़ियों में,
अब ना कहो कुढ़ने को।
तोड़ कर ये बेड़ियाँ,
आसमान से जुड़ने दो।
उड़ान है ये, मेरे सपनों की
अब तो मुझे, उड़ने दो।
अब तो मुझे, उड़ने दो