मुँहदिखाई
मुँहदिखाई
सुबह सुबह
एक सेल्फ़ी भेज देना
मुस्कान से भरी
रोशनी से लबरेज
जीवन से ओतप्रोत
मैं मान लूँगा उसे
कि घूँघट उठाया मैंने
भेज दूँगा मैं
जवाब में कुछ इमोजी
कुछ चुम्बन वाले
कुछ फूलों वाले
कुछ दिल वाले
और तुम मान लेना उनको
मुँह दिखाई का नेग
चलो जब तक दूर हैं
बना लेटें हैं
और निभा लेते हैं
ये नए जमाने की रस्में।