याद
याद
पहली बार देखा ए प्यार तुम्हारा,
लगा की खुदा हम पे मेहरबान हो गए।
तेरी एक मुस्कान से जिंदगी खुशनुमा हो गई,
इस कदर हम सँवर गए चाहत में तेरी।
प्यार सामने था, हम तरस गए चाहत में उनकी,
बेकरार दिल को हम संभाल न पाये,
लब्स बावरी सी हो गई, यादों में उनकी।
तेरे ख्याल में सब लुटा चुके हम,
सुकून देने वाली चाँदनी क्यूँ दिल जला गई।
हँसी तेरी बारिश जैसी,
हम न जाने कैसे भीग गए,
प्यार में तेरे।
जानते भी लोग क्यूँ गलती करते हैं, इश्क की,
हमने दुनिया की घटिया हकीकत से वाकिफ हो गए।
खुदा हमको बुला लो तेरे घर,
भुला दो हमको ए बात
की कभी प्यार करने की भूल की थी।।