तुम ही तुम हो।
तुम ही तुम हो।
उठे जो पलके सिर्फ तुम ही तुम हो।
झुके जो पलके सिर्फ तुम ही तुम हो।
शाम हो या हो रात के साये अंधेरे।
मेरे दिल की गहराइ मे सिर्फ तुम ही तुम हो।
डुबी रहू चारो पहर तेरी यादो मे।
मेरे सपनो की रेहनुमाइ सिर्फ तुम ही तुम हो।
बेजुबाँ है यारा मोहब्बत मेरी।
मेरे इश्क का इजहार सिर्फ तुम ही तुम हो।
चाहत ना रही और कोइ बाकी।
मेरे दिल का अरमान सिर्फ तुम ही तुम हो।
इक आने से तुम्हारे खिल उठी बाग।
मेरे खुशीयों का चमन सिर्फ तुम ही तुम हो।