भोर
भोर
ठंडे हवा के झोको के संग
बहती सुगंध हर ओर
जाती निशा हमें दे जाती
जगती सुंदर भोर।
प्रकाश की छटा बिखरती
आकाश के कोने से
पत्ती फूल सब जाग उठते
अपने स्वप्न सलोने से
पवन बजाए बासुरी
पंछी करते शोर
जाती निशा हमे दे जाती
जगती सुंदर भोर।
आती देख लालिमा शिखर पर
शरमा कर छुप जाते तारे
जिसने जो खोया अंधकार में
आशा से उसे पुकारे
फैल चुके हैं रंग सभी
बीता दुःख का दौर
जाती निशा हमें दे जाती
जगती सुंदर भोर।