मर्मस्पर्शी
मर्मस्पर्शी
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ममस्पर्शी घाव मेरे जब संवेदनशील हो गए,
तक़दीर का बहाना करके, मुझसे कितने गुनाह हो गए,
भूल नही पाया मैं तुमको तनहा, कितने फासले हो गए,
ममस्पर्शी घाव मेरे जब संवेदनशील हो गए,
तुमको तस्स्वुर में याद कर करके, हम फना हो गए,
जब जीना चाहा अपने लिए, मेरे नसीब खफा हो गए,
ममस्पर्शी घाव मेरे जब संवेदनशील हो गए,
मुलाकात जब भी करनी चाही, तुम मेरी सजा हो गए,
तनहा कलम तोड़ता रह गया, तुम मुझसे जुदा हो गए।