अगर धरती आसमान होती
अगर धरती आसमान होती
अगर धरती आसमान होती
होता मैं बादल
उड़ता रहता सारी ज़िन्दगी
जब तक न मिलता सागर
देखता हूँ जब तुम्हारी सूरत
बन जाता हूँ चाँद
देता रहता पूरी रौशनी
पाने के लिए प्यार
वायु बनकर बहता रहूँ
होकर तुम्हारी सांस
सितारा बनकर चमकता हूँ
लगता अँधेरा मिठास
दीवाना हूँ मैं तुम्हारे प्यार में
जैसा दिया में पतंग
बहती नदी सोचती रहती
होंगे सागर में तरंग
मेरी जिंदगी कांटे की घुँघरू
अगर न हो तुम
एक ही बार मिल कर तुम्हे
ह्रदय में खिलते हैं फूल