रहमत
रहमत
हक अदा कर सकूँ,
इतनी रहमत अदा करना!
सदा रह सकूँ उसके दिल में,
इतनी रहमत अदा करना!
इश्क़ बनकर न सही,
कोप बनकर जलता रहूँ,
पर रहूँ उसका बनकर सदा,
इतनी रहमत अदा करना!
मेरे दिल की हर आवाज़,
तासीर हो उसके दिल पर यूँ,
उम्र मेरी लग जाए उसे,
इतनी रहमत अदा करना!
वो सात जनम का रिश्ता जो,
पवित्र-सा, पावन जल-सा है,
बस वो ही अपना रिश्ता हो,
इतनी रहमत अदा करना!