मुझको सनम बताना
मुझको सनम बताना
आवाज़ मुझको देना ख्वाहिश हो जब बुलाना
उल्फत की बात तुम भी मुझको सनम बताना
चाहत मेरी तुम्हीं हो दिल में है घर तुम्हारा
चाहत तमाम अपनी मुझको सनम बताना
दिल में है प्यास कितनी मेरे सनम मिटा दो
मिलने की अपनी हसरत मुझको सनम बताना
आंखों में आज भी है हसरत सनम तुम्हारी
ख्वाबों में मेरे तुम भी दिल चाहे जब भी आना
जब से तुम्हें मैं देखा दिल को सुकून नहीं है
मुझको गले लगाना तुम दिल नहीं चुराना
ग़म कोई जब रुलाये तन्हाई जब सताये
यादों में मुझको लाना नग़मा वफा सुनाना
उल्फ़त की वजह अब तक दिल है मेरा परेशान
कहता हूँ तुमको अपना तुम जान मुझे बताना
दिल की ज़ुबान हमारी कहता रहा नज़र से
नज़रों से दिल की बातें तुम भी मुझे बताना
होठों की प्यास मेरी बुझती नहीं है तुम बिन
नज़रों से अपने तुम भी मुझको कभी पिलाना।।