मुक्तक
मुक्तक
छलकते जाम होंठों के,
तुम्हारे नाम कर दूँगी।
तुम आओ तो बाहों में,
हँसी हर शाम कर दूँगी।
भूलकर भी तुम हमें,
कभी भी भुला न पाओगे।
तेरे प्यार में सनम,
मैं ऐसा काम कर दूँगी।
छलकते जाम होंठों के,
तुम्हारे नाम कर दूँगी।
तुम आओ तो बाहों में,
हँसी हर शाम कर दूँगी।
भूलकर भी तुम हमें,
कभी भी भुला न पाओगे।
तेरे प्यार में सनम,
मैं ऐसा काम कर दूँगी।