तुम जो मेरे साथ सफ़र में हो
तुम जो मेरे साथ सफ़र में हो
मैं ? मैं लिख रहा हूँ उसे,
वह, वह जो मेरे साथ सफ़र में है,
उसे अपनी तक़दीर में।
कोशिश कर रहा हूँ,
उसे लिखने की,
उस स्याही से,
जिससे न मिट सके वह,
कभी मेरी तक़दीर से।
उसे अपने आलिंगन में भर कर,
उसके माथे को चूम कर,
वादा करना चाहता हूँ।
हो लाख जिरह हमारे बीच,
रहे न इक दुसरे के सामने,
न दे सकूँ वक़्त जब वह चाहे,
करूँ नाराज़ उसे,
लेकिन, हर नाराज़गी दूर होगी,
हमारे अगले संवाद से।
मैं, मैं लिख रहा हूँ तुम्हें
तुम जो मेरे साथ सफ़र में हो,
अपनी तक़दीर में।