यही है ज़िन्दगी
यही है ज़िन्दगी
उठता है हर कोई सुबह,
कुछ नया सोचकर ।
कुछ नयी आस लेकर,
काम की तलाश को लेकर ।
कोई पढ़ने की चाहत लेकर,
तो कोई अपनी ज़िम्मेदारी लेकर ।
कोई अँगडाईयाँ लेकर ,
तो कोई नकल को लेकर ।
उठता है हर कोई सुबह ...
करेंगे आज कुछ खास,
करते हैं प्रार्थना काम को लेकर ।
काम करके दिन भर ,
चाहे हो आरामदायक या दुखपूर्ण ।
शाम तक कुछ पैसे कमाकर ,
वापस घर लौटकर ।
घर वालों को स्नेह, प्रेम देकर,
निकल जाता है हर दिन ।
उठता है हर कोई सुबह ....
फिर वही अगला दिन,
फिर वही वक़्त ।
फिर वही आस ,
फिर वही तलाश ।
यही है ज़िन्दगी मेरे दोस्त,
यही है ज़िन्दगी...
मिला है मौक़ा कर ले कुछ, मेरे दोस्त,
मिला है मौक़ा कर ले कुछ ।